भारत में चीतों की वापसी / 8 Tiger returns India/ UPSC civil services examination

भारत में चीतों की स्थिति/Present Condition of tigers in India

Roaring tiger

वर्तमान में भारत में चीतों की संख्या शून्य है, और भारत सरकार पिछले लंबे समय से भारत में इनके पुनर्वास के लिए कार्यरत है।भारत में लगभग 70 वर्ष पहले से ही यह चीते विलुप्त हो चुके हैं।भारत द्वारा अफ्रीकी देश नामीबिया के साथ चीतों के स्थानांतरण का कार्यक्रम लंबे समय से चल रहा है। इस दौरान नामीबिया के कई वन्य जीव वैज्ञानिक भारत के विभिन्न बनने अभयारण्यों में लगातार दौरे करके उनके इकोसिस्टम को समझने की कोशिश कर रहे थे। अंततः मध्य प्रदेश के कूनो वन्य अभयारण्य को इन चीतों के पुनर्वास हेतु सर्वोत्तम माना गया। इस वन्य अभयारण्य का वातावरण नामीबिया के वनों के वातावरण से मेल खाता है। भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी स्वयं इन चीतों के पुनर्वास की योजना को मॉनिटर कर रहे थे।

कूनो वन्य जीव अभ्यारण्य/Kuno wildlife sanctuary and National Park

कूनो वन्य जीव अभयारण्य की स्थापना 1981 में की गई थी। यह यह जीव अभयारण्य मध्य प्रदेश के शिवपुर एवं मुरैना जनपदों में स्थित है। वर्ष 2018 में इसे राष्ट्र उद्यान का दर्जा प्रदान किया गया। इस वन्यजीव अभयारण्य को मुख्यत: एशियाई शेरों एवं चीतों के पुनर्वास हेतु विकसित किया गया है। यह अभयारण्य ग्वालियर के राजा महाराजाओं के लिए शिकार का मैदान रह चुका है ।

भारत चीतों का पुनर्वास/Rehabilitation of Tigers in India

1. चीतों की पुनर्वास योजना के तहत भारत में 17 सितंबर 2022 को नामीबिया से 8 चीतों को मध्य प्रदेश के ग्वालियर में विशेष विमान से लाया गया। इन आठ चीतों में 3 नर एवं 5 मादा चीते हैं।

2. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से इन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान में लेकर आया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं इन चीतों को कूनो राष्ट्रीय उद्यान को समर्पित किया। इस विशेष कार्यक्रम में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी उपस्थित रहे।

3. इन सभी चीतों को रेडियो एवं जीपीएस मॉनिटरिंग कॉलर पहनाया गया है जो इनके विचरण पर पूर्णत: नजर बनाकर रखेगा ।कुछ समय तक इन सभी चीतों को 4 से 5 स्क्वायर किलोमीटर के क्षेत्र में चारदीवारी के अंदर रखा जाएगा एवं इनके स्वास्थ्य व विचरण पर नजर रखी जाएगी ।

4. इनकी निगरानी के लिए भारत के वन्यजीव अधिकारियों एवं वैज्ञानिकों के एक दल को नामीबिया में ही प्रशिक्षित किया गया है।इनका क्वॉरेंटाइन पूरा होने के बाद इन्हें खुले जंगल में विचरण के लिए छोड़ दिया जाएगा। इनको भारत के वातावरण में ढालने के लिए कूनो वन्य अभ्यारण्य में समुचित व्यवस्थाएं की गई हैं।

5. इन चीतों का पुनर्वास भारत में विलुप्त हो चुकी प्रजातियों के पुनर्वास के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। भविष्य में अन्य विलुप्त हो चुकी प्रजातियों के लिए यह योजना एक प्लेटफार्म की तरह कार्य करेगी।योजना के मुताबिक 5 वर्षों में इन चीतों की संख्या कर 35 से 40 के आसपास होने का अनुमान है।इसके पश्चात इन चीतों को देश के विभिन्न जंगलों में रीलोकेट किया जाएगा। और इसी प्रकार यह कार्यक्रम आगे बढ़ेगा।

सरकार द्वारा सरहनीय कदम

इस प्रकार देश में लगभग 70 वर्ष के बाद इन चीतों की वापसी हुई है। वन्यजीवों के पुनर्वास के लिए सरकार का यह कदम अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है और देशभर में इसकी काफी सराहना हो रही है। देश में वन्यजीवों की सुरक्षा के लिए सरकार पूरी तरह प्रतिबद्ध है एवं इस दिशा में कई महत्वपूर्ण कदम उठा रही है परंतु इन प्रयासों का जमीनी स्तर पर सफल होना अत्यंत आवश्यक है। इसके लिए भी सरकार को विशेष कदम उठाने पड़ेंगे ताकि इन सभी योजनाओं का क्रियान्वयन जमीनी स्तर पर किया जा सके।

From the bottom of writer’s heart- This article belongs to latest update on tigers Rehabilitation at Kuno National Park by Prime Minister Shri Narendra Modi. These tigers are brought from African Country Namibia. Maintaining Flora and Fauna is our moral responsibility. Let’s take oath to preserve all the species on this beautiful planet. – Thanks

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